electric vehicle Lithium, ev wale
झारखंड के कोडरमा और गिरिडीह से आने वाले अभ्रक की चमक पहले दुनिया भर में थी। लेकिन अब इंटरनेशनल मार्केट में अभ्रक की मांग कम हो गई है और उसकी खदानें भी बंद हो गई हैं। हालांकि, इसी क्षेत्र में बेहद मूल्यवान खनिज लिथियम के भंडारों की खोज की गई है, जिससे देश में बैटरी आधारित इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए बड़ी संभावनाएं पैदा हुई हैं। नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एनएमईटी) ने भू-तात्विक सर्वेक्षण में पाया है कि कोडरमा और गिरिडीह के अलावा भी कई मूल्यवान खनिज हैं।
पूरी दुनिया में आने वाले वर्षों में, जब जीरो कार्बन ग्रीन एनर्जी के लक्ष्यों पर काम चल रहा है, तो लिथियम को एक महत्वपूर्ण खनिज के रूप में देखा जा रहा है। लिथियम का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ मेडिकल टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री, मोबाइल फोन, सौर पैनल, पवन टरबाइन और अन्य नवाचारी टेक्नोलॉजी में भी किया जा रहा है।
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कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर के बाद अब झारखंड तीसरा राज्य ( electric vehicle Lithium )
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जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने हाल ही में कर्नाटक में 1600 टन और फिर जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 59 लाख टन लिथियम के खदान खोजे हैं। अब झारखंड के कोडरमा, गिरिडीह के साथ-साथ पूर्वी सिंहभूम और हजारीबाग में भी इस मूल्यवान खनिज के उत्खनन की संभावनाओं पर काम चल रहा है। झारखंड के कोडरमा जिले के तिलैया ब्लॉक और उसके आसपास, जियोकेमिकल मैपिंग में यहां लिथियम, सीज़ियम और अन्य तत्वों में ऊंची सांद्रता (उच्च कंसेंट्रेशन) है। वर्तमान में देश का इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उद्योग अपनी लिथियम आवश्यकताओं के लिए पूरी तरह से आयात पर निर्भर है।
हम लिथियम का आयात मुख्य रूप से चीन से करते हैं। भारत सरकार ने 2030 तक ईवी को 30 फीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है, और इस मिशन को पूरा करने के लिए लिथियम की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। इसलिए सरकार खासतर पर लिथियम उत्खनन की संभावनाओं पर ध्यान दे रही है।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत होगी कम ( electric vehicle Lithium battery )
इस संदर्भ में, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर के बाद अब झारखंड में लिथियम के भंडार की खोज को भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि लिथियम के खनिज भंडारों के मिलने से हमारी चीन पर आधारितता कम होगी। अभी तक हम चीन से बैटरी का आयात कर रहे हैं, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की मूल्य बढ़ जाती है। लिथियम के देश में उपलब्ध होने से बैटरी की मूल्य कम होगी, जिससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत में बड़ी कमी आएगी। आपको यह जानकर खुशी होगी कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत का लगभग 40 से 50 प्रतिशत हिस्सा बैटरी के कारण बढ़ जाता है।
जून महीने में, पैन एशिया मेटल्स लिमिटेड के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक, पॉल लॉक, ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी और झारखंड में लिथियम खनन के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की थी। मुख्यमंत्री ने बताया कि झारखंड सरकार नियमों के अनुसार लिथियम प्रोडक्शन की संभावनाओं पर योजनाबद्ध तरीके से काम करेगी।
इन जिलों में मिला electric vehicle Lithium खदान
जीएसआई के सर्वे के अनुसार, झारखंड के कोडरमा के तिलैया ब्लॉक और ढोढ़ाकोला-कुसुमा बेल्ट में लिथियम के साथ-साथ सीज़ियम, गिरिडीह के गांवा ब्लॉक और कोडरमा के पिहरा बेल्ट में एलआई (ली), सीज़ियम, आरईई, और आरएम जैसे धातुओं के भंडार की संभावनाएं हैं। 29 सितंबर को, झारखंड सरकार के भू-तात्विक पर्षद की उच्चस्तरीय बैठक में राज्य में लिथियम की खोज के परिणामों पर चर्चा हुई।
सरकार ने इस दिशा में कदम उठाया है और अब राज्य में लिथियम की खनन की संभावनाओं पर काम कर रही है। निवेशक भी इसके प्रति रुचि दिखा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, जब भारत लिथियम उत्पादन में स्वावलंबी बनता है, तो इससे इलेक्ट्रिक बैटरियों की मूल्य कम होगी और अंत में इलेक्ट्रिक कारों की कीमत भी कम हो सकेगी।
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