हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा नामक दो इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता कंपनियों को मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज (MOHI) ने नोटिस जारी किए हैं। इस नोटिस के माध्यम से दोनों कंपनियों से 250 करोड़ रुपए वसूले जाएंगे।
Hero Electric और Okinawa को लगा आरोप कि वे 2019 से गलत तरीके से FAME-II के तहत सब्सिडी क्लेम कर रहे थे। फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक (FAME) के तहत सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियों को सब्सिडी देती हैं।
CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय ने कंपनियों को Fame 2 Subsidy से बैन करने और गलत तरीके से क्लेम की गई राशि को वसूलने के लिए नोटिस 29 अप्रैल, 2023 को जारी किए थे।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनियों ने Fame 2 Subsidy के नियमों को तोड़कर इंपोर्टेड पार्ट्स का इस्तेमाल कर लोकल पार्ट्स की जगह पैमाने पर किया गया था जिसके कारण उन्हें आरोप लगा।
Okinawa और Hero Electric भी दोषी
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मंत्रालय ने दूसरे मामलों में भी Okinawa और Hero Electric को दोषी माना है। इसके संबंध में मंत्रालय ने नोटिस जारी कर दिया है। जानकारी के अनुसार, हीरो को 133 करोड़ और ओकीनावा को 116 करोड़ रुपये वसूलने का नोटिस जारी किया गया है।
दोनों कंपनियों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए इनपुटेड स्पेयर्स का उपयोग अपनी गाड़ियों में किया है। इन स्पेयर्स को भारत में ही बनाया जा सकता था और इससे भारी मात्रा में रुपए बचाए जा सकते थे। इन स्पेयर्स के लिए कंपनियों ने सरकार से सब्सिडी भी ली है। जांच के दौरान यह सच्चाई सामने आने पर, मंत्रालय ने दोनों कंपनियों से रिकवरी के लिए नोटिस जारी कर दिया है।
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ये है सारा मामला
फेज्ड मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम (PMP) और नॉर्म्स के उल्लंघन मंत्रालय को की शिकायतें आ रही थीं। उसके बाद मंत्रालय ने ARAI और ICAT जैसी वाहन टेस्टिंग एजेंसियों को जांच करने का काम सौंपा। 13 इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों के कंपोनेंट की सोर्सिंग की विस्तृत जांच की इन एजेंसियों ने। इन एजेंसियों ने प्ला�����ट ऑडिट और वाहनों की स्ट्रिप डाउन टेस्टिंग भी की। सभी जांचें वीडियोग्राफी के साथ कंपनी के अधिकारियों की मौजूदगी में की गई।
क्या मिला जांच में ?
एक अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार Hero Electric और Okinawa ने बड़ी स्केल पर इम्पोर्टेड पार्ट्स का इस्तेमाल किया है, जो फेज्ड मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम (PMP) दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। जीन पुर्जों को जो भारत में तैयार होने चाहिए थे, उन्हें भी बाहर से इम्पोर्ट किया गया है।
क्या होगी कार्रवाई ?
सोसाइटी फॉर मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ने बताया है कि लगभग 15 महीनों से 1400-1500 करोड़ रुपये की सब्सिडी रोक दी गई है जो कंपनियों को मिलने वाली थी। जब तक जांच पूरी नहीं होती है, तब तक ईवी कंपनियों को सब्सिडी नहीं दी जाएगी। अगर सब्सिडी पहले से ही दी गई है तो उसे कंपनियों से वसूला जाएगा और उन्हें डीलिस्ट कर दिया जाएगा।
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क्लीन चिट ओकाया ईवी और काइनेटिक ग्रीन एनर्जी को
रिपोर्ट के अनुसार, ओकाया ईवी और काइनेटिक ग्रीन एनर्जी को FAME मानदंडों का पालन करने के लिए सराहा गया है। इसलिए इन दोनों कंपनियों को Fame 2 Subsidy जारी की जाने की संभावना है।
ओला, एथर एनर्जी और टीवीएस को भी नोटिस
हीरो मोटोकॉर्प, एथर एनर्जी, टीवीएस और ओला इलेक्ट्रिक को भी MOHI ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। ये कंपनियां अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर के साथ अलग से चार्जर बेच रही थीं ऐसी शिकायत मिली थी और उनके कस्टमर से Fame 2 Subsidy के तहत 1.5 लाख रुपए से ज्यादा चार्ज कर रही थीं। एथर और ओला ने नोटिस के बाद कस्टमर को मुफ्त में चार्जर देने का फैसला लिया है।
5172 करोड़ रुपए अलॉट FY24 के लिए
सन् 2019 में, फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल योजना के सेकेंड फेज (Fame 2 Subsidy) के लिए 10,000 करोड़ रुपये का बजट घोषित किया गया था। इसके अंतर्गत अब तक 3701 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया जा चुका है। इस योजना के लिए वित्त वर्ष 2024 तक 5172 करोड़ रुपये का बजट अलॉट किया गया है। अब देखना होगा कि क्या सरकार शेष धनराशि का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए करती है या नहीं।