यदि हम आपको बताएं कि आपकी इलेक्ट्रिक कार स्वयं ही चार्ज होती रहेगी(Self Charging Electric Car), तो कैसा लगेगा? आपको ना ही चार्जिंग की जरूरत होगी और न ही आपको रेंज के बारे में चिंता करनी पड़ेगी। यह एक चमत्कार की तरह लगेगा, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से संभव हो रहा है। दुनिया भर की सरकारें पेट्रोल और डीजल की आवश्यकता को हटाने के लिए सस्टेनेबल एनर्जी की मांग में जुटी हुई हैं। यह सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिसिटी जैसी स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देता है। अभी तक तकनीक का पूर्ण विकास नहीं होने के कारण इसे मुख्यधारा में लाना संभव नहीं था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। तेजी से विकसित होती तकनीक सब कुछ बदल रही है।
इलेक्ट्रिक कारों की बात करे तो, पिछले 2-3 सालों से ई-वाहनों की बातें काफी हो रही हैं। बाइक, कार और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल होने वाले वाहनों को बिजली से चलाना शुरू कर दिया गया है। इन e-vehicles की सबसे बड़ी समस्या अभी भी यह है कि इन्हें बार-बार चार्ज करना पड़ता है और चार्जिंग स्टेशंस की संख्या बहुत ही कम है। उन्हें चार्ज होने में भी बहुत समय लगता है।
इन सभी समस्याओं को हल करने के लिए जर्मनी की कंपनी, न्यूट्रिनो एनर्जी क्लीन रिन्यूएबल पावर ने एक अद्भुत सॉल्यूशन लाया है। कंपनी अब क्वांटम टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इंटीग्रेशन करके एनर्जी का उत्पादन कर रही है।
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क्या कहती है मीडिया रिपोर्ट्स
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एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में न्यूट्रिनो एनर्जी ने स्पेल नाम की इंडियन कंपनी के साथ मिलकर सुपरकैपेसिटर बनाने का काम किया है। इसके अलावा न्यूट्रिनो ने एक नई परियोजना के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर 2.5 बिलियन यूरो के निवेश की घोषणा की है जिसमें कंपनी सेल्फ चार्जिंग इलेक्ट्रिक कार को डेवलप करेगी। इस कार को आने वाले 3 सालों में मार्केट में लॉन्च किया जाएगा।
अपने आप चार्ज कैसे होगी कार
इस टेक्नोलॉजी का उपयोग अब कार की बैटरी के साथ किया जाएगा। यह एक डायनमो की तरह काम करेगा जो लगातार कार को चार्जिंग देती रहेगी। इस तरह जब आपकी कार चल रही होगी, तब उसकी बैटरी भी चार्ज होती रहेगी। ऐसा होने से कभी भी आपको कार को एक्सटर्नल चार्जर से चार्ज करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और आप बिना रेंज की चिंता किए अपनी कार को चला सकेंगे।
फिलहाल इस तकनीक के खर्च और कार की कीमत के बारे में कोई खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन इसे काफी कम दामों में उपलब्ध करवाया जाएगा। कंपनी इसे कम मार्जिन पर ही उपलब्ध कराने के लिए ज्यादा यूनिट्स का निर्माण करेगी।
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ऐसे संभव होगा
हाल ही में कंपनी ने न्यूट्रॉन इंटरेक्शन से जुड़ी बड़ी जानकारी साझा की है। रिसर्चर्स एक खास मटेरियल का इस्तेमाल कर ऊर्जा को जंप करवाकर कनवर्ट करेंगे। असान शब्दों में समझाएं तो इस ऊर्जा को अणुओं के विभाजन से उत्पन्न किया जाएगा। इस पूरे प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से स्ट्रक्चरल बिहेवियर को अध्ययन किया जाएगा और उसका पूरा एक पथ भी तैयार किया जाएगा।