EV Wale, Solar EV Battery Swapping
Solar EV Battery Swapping: फाइनेंस-नेटवर्क-टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म चार्जअप ने बुधवार को घोषणा की है कि वे ने देश के पहले सोलर पावर से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक बैटरी स्वैपिंग स्टेशन प्रस्तुत किया है। यह स्टेशन जयपुर के बेनीवाल कांटा, चुंगी सर्कल, रामगढ़ मोड़ में स्थित है। इस पायलट प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य शहर को गुलाबी शहर से हरित शहर बनाना है। इसका उद्देश्य है बैटरी चार्जिंग को पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता के बिना संभव बनाना।
Solar EV Battery Swapping में 140 kWh बैटरी को चार्ज करने की क्षमता
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बैटरी स्वैपिंग स्टेशन को उन्नत सोलर टेक्नोलॉजी से संबंधित बनाया गया है। इससे यह सूरज की ऊर्जा का उपयोग करके सौर-उत्पन्न ऊर्जा को चार्जिंग कैबिनेट में निर्देशित करने और चार्जिंग ग्रिड के साथ सिंक्रनाइज करने में सक्षम है। इस स्वैपिंग स्टेशन से 140 kWh बैटरी को चार्ज करने की क्षमता है, जो स्टेशन की कुल ऊर्जा आवश्यकताओं का 20 प्रतिशत आवरण करता है।
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Solar EV Battery Swapping शहर के 80 प्रतिशत पिन कोड शामिल होंगे
चार्जअप ने एक महत्वपूर्ण पहल की है जिसमें वे जयपुर के 30 और स्टेशनों तक इस योजना को विस्तारित करने का प्लान बनाया है। इसमें शहर के 80 प्रतिशत पिन कोड शामिल होंगे। भविष्य में, उनका लक्ष्य यह है कि यह मॉडल अन्य शहरों में भी लागू करें, खासतौर पर टियर-2 स्थानों में। उन्होंने सौर माइक्रोग्रिड के लिए निवेश किया है जिससे कंपनी का लक्ष्य है अपने 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत स्टेशनों को सौर ऊर्जा से बिजली प्रदान करना।
Solar EV Battery Swapping पर्यावरण के अनुकूल
सौर ऊर्जा से चलने वाली प्रणाली कुछ क्षेत्रों में ग्रिड स्थिरता संबंधी मुद्दों को परिहार करने में मदद करेगी क्योंकि यह विद्युत कटौती के समय निरंतर बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के साथ-साथ स्थिर और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति को भी सुनिश्चित करेगी। इस पहल का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों की स्थिरता को बढ़ाने और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में गति लाना भी है। इसके साथ ही, सोलर पावर प्लांट बैटरी चार्जिंग से उत्पन्न होने वाले अतिरिक्त CO2 उत्सर्जन को भी कम करने में मदद करेगा।
इस क्षेत्र में कई खिलाड़ी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ाने के लिए बैटरी स्वैपिंग मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह मॉडल ईवी चार्जिंग स्टेशनों के विकल्पों के रूप में अधिक पसंद किया जा रहा है। इसमें बैटरी की अदला-बदली चंद सेकंड में हो जाती है और इससे बैटरी में आग लगने की संभावना भी कम होती है। CO2 उत्सर्जन को कम करने के मामले में सौर ऊर्जा से चलने वाला बैटरी स्वैपिंग मॉडल और भी अधिक उपयुक्त होता है।
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